अस्थमा के क्या पहचान हैं?
What is asthma in hindi
अगर किसी व्यक्ति में निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण पाया
जाता है| तो ये अस्थमा की पहचान हैं| यदि आपको सांस को छोडते समय कोई भी परेशानी
जैसे-
Ø
खांसी का बार-बार होना|
Ø
श्वास को लेने और छोड़ने में तकलीफ़ का होना|
Ø
सीने में कफ/बलगम का बनना
Ø
छाती जकड़ी हुई महसूस होना
Ø
फेफड़े में संक्रमण(इन्फेक्शन) जिसे न्युमोनिया (pneumonia) भी कहते हैं
नीचे दिए गए कारणों की वजह से अस्थमा रोग हो
सकता हैं
आपके घर के अन्दर और बाहर ऐसी अनेक वजह होती है जिसके कारणवश
अस्थमा जैसे रोग की शुरुआत हो सकती है।
जैसे-
वायु प्रदुषण (Air Pollution)
वायु का प्रदूषित होना अस्थमा
का सबसे प्रमुख कारण है। प्रदूषित हवा साँस की नली में
जाकर अस्थमा जैसे
रोग को जन्म देती है। गाडियों से निकलता जहरीला
धुआ भी वायु को प्रदूषित करता हैं| धुम्रपान करना या धुम्रपान कर रहे व्यक्ति के
पास अधिक समय तक खड़ा होना भी हानिकारक हैं| और अस्थमा
जैसे रोग को आपके शरीर में घर करने में प्रमुख कारक हैं|
खुशबूदार परफ्यूम और डीयोद्रेंट आदि की उग्र गंद भी आपकी
सांसो को दूषित करती हैं । आपको जिस भी सुगंध से एलर्जी होती हो वही सुगंध आपकी
समस्या बढ़ा सकती हैं|जरुरी नहीं है की सभी अस्थमा
के रोगियों में एक जैसी सुगंध से ही समस्या हो यह अलग-अलग मनुष्य में अलग हो सकती
हैं । फूलो के पराग कण से भी अस्थमा
जैसा जटिल रोग हो सकता है।
आपके घरो की दीवारों पर लगने वाले तेलयुक्त रंग की गंध से।
वातावरण में समय-समय पर होने वाले बदलाव के
कारण
वातावरण में होने वाले अचानक बदलाव के कारण अस्थमा जैसा गंभीर रोग हो सकता है या अस्थमा बढ़ सकता है। अचानक बादल आना,बारिश होना,मौसम ठंडा या एयर कंडीशन(ACACAC) से आने वाली ठंडी हवा में साँस लेने के कारण अस्थमा
रोग हो सकता है।
मानसिक उत्तेजना के कारण
ज्यादा जोर से हंसने से , ज्यादा रोने से और जोर-जोर से चिल्लाते वक्त ज्यादा तेज गति
से साँस लेने के कारण भी अस्थमा रोग की
शुरुआत हो सकती है। गुस्से में आ जाने के कारण भी अस्थमा
रोगियों में मानसिक उत्तेजना के कारण अस्थमा
रोग का प्रहार हो सकता है।
ज्यादा गहरी-गहरी साँस लेने से
ज्यादा कसरत करने से या अधिक खेल-कूद करते समय, गहरी साँस
लेने के कारण भी अस्थमा का प्रहार हो सकता है। अस्थमा
के रोगी बच्चो को खेलने से आधा घंटे पहले अस्थमा
की दवा की एक खुराक लेनी चाहिए। और थोड़ी देर आराम करना चाहिए|
अस्थमा के उपचार
के लिए कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे
केला (BBanana)
सबसे पहले एक पके हुए केले को
छिलके सहित धीमी आंच पर सेंक ले और बाद में उसका छिलका हटा ले| केले को टुकड़ो में
काट ले और पिसी हुई काली मिर्च डालकर
गर्म-गर्म अस्थमा रोगी को दी जाएँ तो रोगी को राहत मिलती हैं ।
लहसुन (Garlic)
लहसुन अस्थमा के उपचार में काफी लाभदायक होता है। अस्थमा रोगी लहुसन की चाय या 30 मिली दूध में लहसुन की
पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से अस्थमा में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा
मिलता है।
अजवाइन और लौंग(Clove)
आमतौर से गर्म पानी में अजवाइन
डालकर भाप लेने से भी अस्थमा की
रोकथाम करने में मदद मिलती है। यह घरेलू
उपचार बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा 5-6 लौंग लें और 100 मिली पानी में पांच मिनट तक अच्छे से उबालें। इस मिश्रण को सूती कपडे में छानकर
इसमें एक बड़ी चम्मच शुद्ध शहद मिलाएं और इस काढ़े को गर्म-गर्म हर रोज इस्तेमाल करे।
हर रोज दो से तीन बार इसे पीने से मरीज को निश्चित रूप से बहुत फायदा होता है।
तुलसी(Basil)
ज्यादातर तुलसी की पत्तियों से अस्थमा रोग को नियंत्रित किया जा सकता है।
तुलसी के हरे पत्तों को अच्छे से साफ कर ले और उनमें पिसी हुई कालीमिर्च डालकर
खाने के साथ देने से अस्थमा नियंत्रित
रहता है। इसके अलावा तुलसी और शहद को एक साथ मिलकर चाटने से अस्थमा से राहत मिलती है।
अन्य लाभ
अस्थमा का दौरा बार-बार न आये इसके
लिए हल्दी में शहद मिलाकर चाटना चाहिए।
अस्थमा ज्यादातर एलर्जी की वजह
से भी होता है। ऐसे में एलर्जी की रोकथाम करने के लिए दूध में हल्दी मिलाकर पीनी
चाहिए।
शहद की सुगंध को अस्थमा रोगी को सुधांने से भी फायदा होता है।
नींबू पानी अस्थमा के दौरे को सामान्य करता है। खाने के
साथ प्रतिदिन दमे रोगी को नींबू पानी का सेवन करना चाहिए। आंवला का भोजन में रोजाना उपयोग करने से भी इस रोग में
फायदेमंद हैं|
सरसों के तेल को हल्का गर्म करके
छाती पर हलके हाथ से मालिश करने से दमे का दौरा पड़ने के दौरान
आराम मिलता है।
मेथी के बीजों को पानी में अच्छे
से पकाकर पानी जब खूब पाक जाए और काढ़ा सा बन जाए तो उसे पीना अस्थमा रोग में फायदेमंद है।
इन घरेलु उपायों को अपनाकर यकीनन
अस्थमा रोग पर काबू पाया जा सकता हैं।
मगर इसके साथ ही जरूरी है कि मरीजो को धूल,
मिट्टी, घुएं इत्यादि से दूर रहना चाहिए।
ध्यान दे: -
अस्थमा के रोगी इन सब दवाइयों का सेवन करने
से बचे
एस्पिरिन(Asprin) ,आइबूप्रोफेन(IBrufen), दर्दनाशक(Pain Killer) दवाई
ब्लड प्रेशर कम करने में प्रयोग में आनेवाली अटेनोलोल ,
मेटोप्रोलोल आदि दवाईया
रामीप्रिल , एनालाप्रिल, ए .सी .ई इनहीबिटर दवाईया