23 नवंबर 2015

Home Remedies for Mouth Ulcer in Hindi

मुँह में छाले (Mouth Ulcer)

Mouth Ulcer
Mouth Ulcer
मुँह में छाले मुंह में विकसित होनेवाले तकलीफदेह जख्म होते हैं। ये  जख्म छोटे पर अत्यधिक पीड़ादायक होते हैं, और इनके विकसित होने के कई कारण होते हैं। यह जख्म मुँह के भीतर या मुँह के बाहर भी विकसित हो सकते हैं। जो जख्म मुँह के बाहर जैसे कि होठों के ऊपर विकसित होते हैं, उन्हें कोल्ड सोर्सके नाम से जाना जाता है, और यह हर्पिस वाइरस के कारण विकसित होते हैं। यह अत्यधिक संक्रामक होते हैं, और एक आदमी से दूसरे व्यक्ति में चूमने से स्थानांतरित हो जाते हैं। मुँह के भीतर के छाले को 'एफथस अल्सर' कहा जाता हैं।

मुँह में छाले होने के कारण (Reason for Mouth Ulcer )

आपके दांतों से अगर आपकी जीभ कट जाए या दांतों पर ब्रश करते समय मुँह में किसी चीज़ को काट लेने से मुँह में छाले हो जाते हैं। दांतों में लगे हुए गेलीस (ब्रेसिस) भी मुँह के छालों के कारण बन सकते हैं। एफथस अल्सर किसी मानसिक तनाव की वजह से भी हो सकता हैं

मुँह के छालों के घरेलू उपचार (Home Remedies for Mouth Ulcer)

Ø पान में उपयोग किया जानेवाला कोरा कत्था लगाने से मुँह में छालों से बहुत राहत मिलती है।
Ø सुहागा तथा शहद की बराबर मात्रा मिलाकर छालों पर लगाने से या मुलहठी के चूर्ण को चबाने से छालों  में लाभ होता है।
Ø मुँह के छालों में अगर त्रिफला की राख को शहद में मिलाकर लगाया जाए तो आराम मिलता है। अगर आप अपने थूक से मुँह भर जाने पर उससे कुल्ला करें तो छालों में राहत मिलती है ।
Ø दिन में चार-पांच बार पानी से गरारे करें।
Ø अपने मुँह में पानी भर ले  और अपने चेहरे को पानी से बार-बार धोएं।
Ø दिन में 3 या 4 बार घी या सफ़ेद मक्खन को थपथपाकर लगायें।
Ø नारियल के दूध या नारियल के तेल से गरारे करने से मुँह के छालों से राहत मिलती है।
Ø अलसी के  दानो को चबाने से मुँह के छालों में आराम मिलता है ।
Ø पके पपीते के क्षीर को छालों पर लगाने से राहत मिलती है।
Ø 3 ग्राम त्रिफला का चूर्ण, 3 ग्राम अधिमधुरम,  1 चमच्च शहद और 1 चमच्च घी मिलाकर छालों पर लगाने से  आराम मिलता है।
Ø तीखे और मसालेदार खाना खाने और दही या अचार का न करें ।
Ø मुँह में छाले कब्ज़ियत के कारण भी होते हैं| पेट को साफ़ रखे|
Ø मुंह के छालों पर अमृतधारा में शहद मिलाकर लगायें। 
Ø शहद में भुने हुए सुहागे  को मिलाकर लगाना भी लाभकारी है।
Ø मुनक्का, दालचीनी, दारुहल्दी, नीम की छाल और इन्द्रजौ को समान भाग के काढ़े में शहद मिलाकर पीना  भी लाभ देता है।
Ø आँवला के पेड़ की छाल को फिटकरी के साथ काढ़ा बनाकर सेवन करने से भी लाभ मिलता  है।
Ø नीम की दातुन भी छालों के उपचार में सहायता करता है।
Ø तम्बाकू बिलकुल न चबाये।
Ø दिन में दो बार दांतों की सफाई करें।
Ø हरी सब्जियों और फलों का सेवन भरपूर मात्रा में करें।
Ø मट्ठा पीने से मुंह के छालों से बहुत आराम मिलता है। 

 वैसे तो मुँह में छाले स्वयं ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन अगर वे एक सप्ताह से ज़्यादा जारी रहते हैं, या बार बार विकसित होते हैं तो तुरंत अपने चिकित्सक की सलाह लें।

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