त्वचा (Skin) रोग से बचने के घरेलू नुस्खें
Skin disease in hindi |
त्वचा(Skin) रोग में आपको कई तरह की
परेशानियां हो सकती हैं। बारिशों और गर्मी के मौसम में इस तरह की समस्याएं ज्यादा होती
हैं। ऐसे में त्वचा का रख रखाव करना बहुत जरूरी होता है। नहीं तो त्वचा(Skin) रोग होने की संभावना अधिक होती है। आइए अब हम आपको त्वचा(Skin) रोग से बचने के कुछ घरेलू नुस्खें के बारे में जानकरी देने
जा रहे हैं।
त्वचा (Skin) रोग से
बचने के घरेलू उपचार –
Skin disease in hindi
Skin disease in hindi
गेंदा का फूल
हम सब जानते है गेंदा गहरे पीले और नारंगी रंग का फूल
होता है। यह त्वचा की समस्याओं का
प्रभावशाली घरेलू नुस्खें है। यह छोटे-मोटे कट, जलने, मच्छर के काटने, रूखी त्वचा और एक्ने आदि के लिए शानदार घरेलू नुस्खें
है। गेंदे के फूल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं। यह सूजन को कम
करने में भी मदद करता है। इसके साथ ही गेंदा का फूल जख्मों को जल्दी भरने में मदद करता है। यह हर
प्रकार की त्वचा के लिए लाभकारी होता
है। गेंदे की पत्तियों को पानी में उबालकर उससे दिन में दो-तीन बार चेहरा धोने से
एक्ने की समस्या दूर होती है।
कैमोमाइल/ बबूने
का फूल
कैमोमाइल का फूल त्वचा
पर लगाने से जलन को तुरंत शांत करता है और साथ ही अगर इसका लगातार सेवन किया जाए
तो आंतरिक शांति प्रदान करता है। इसके साथ ही यह केंद्रीय तंत्रिका प्रणाली पर सकारात्मक
असर भी डालता है। यह एक्जिमा में भी काफी फायदेमंद होता है। इसके फूलों से बनी
हर्बल टी का दिन में तीन –चार बार सेवन आपको काफी फायदा पहुंचाता सकता है। इसके
साथ ही एक्जिमा और सोरायसिस जैसी बड़ी बीमारियों से उबरने में भी यह फूल काफी मदद
करता है। एक साफ सूती कपड़े को कैमोमाइल टी में डुबोकर उसे त्वचा के संक्रमित जगह पर लगाने से काफी लाभ
मिलता है। इस प्रक्रिया को पंद्रह-बीस मिनट
के लिए दिन में चार से छह बार जरूर करें । कैमोमाइल कई अंडर-आई माश्चराइजर में भी
उपयोग किया जाता है। इससे आँखों के डार्क सर्कल भी दूर होते हैं
कमफ्रे के फूल
इस फूल के पत्ते और जड़ें सदियों से त्वचा संबंधी बीमारी को ठीक करने में पर्योग की
जाती रही हैं। यह कटने , जलना और अन्य कई जख्मों में काफी फायदेमंद होता है। इसमें
मौजूद तत्वा त्वचा द्वारा काफी तेजी से अवशोषित कर लेता हैं। जिससे
आपके स्वस्थ कोशिकाओं का निर्माण होता है। इसमें त्वचा
को ज्यादा आराम पहुंचाने वाले तत्व भी मौजूद होता है। अगर आपके त्वचा
पर कहीं जख्म हो जाए तो कमफ्रे की जड़ों का पाउडर बनाकर उसे हलके गर्म पानी में
मिलाकर एक गाढ़ा पेस्ट बना लीजिये | इसे एक साफ सूती कपड़े पर फैला दें। अब इस
कपड़े को जख्मों पर सुबह –शाम लगाने से चमत्कारी लाभ मिलता है। अगर आप इसे रात
में बांधकर सो जाएं, तो सुबह तक आपको त्वचा को काफी
आराम मिल जाता है। ध्यान रहे इसे कभी भी खाया नहीं जाना चाहिए, वर्ना यह आपके लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। गहरे जख्मों पर
भी इसका इस्तेमाल कभी नहीं करना चाहिए। इससे त्वचा
की ऊपरी परत तो ठीक कर देता है, लेकिन अन्दर की कोशिकायें पूरी तरह ठीक नहीं हो पातीं।
अलसी के बीज
क्या आप जानते है की अलसी के बीजों में ओमेगा थ्री
फैटी एसिड होता है जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में काफी मदद करता है।
इसमें सूजन को कम करने वाले तत्व भी मौजूद होते हैं। यह स्किन डिस्ऑर्डर,
जैसे एक्जिमा और
सोरायसिस को भी बड़े आसानी से ठीक करने में
मदद गरता है। दिन में एक या दो चम्मच अलसी के बीजों के तेल का इस्तेमाल करना त्वचा के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। ज्यादा
बेहतर रहेगा कि इसका सेवन किसी अन्य आहार के साथ ही किया जाए।
अन्य नुस्खें
चर्म रोग में हल्दी, लाल चंदन, नीम की छाल, चिरायता, बहेडा, आंवला, हरेडा और अडूसे के
पत्ते को बराबर मात्रा में लीजिए। इन सभी सामानों को पानी में 2
घंटे पूरी तरह से फूलने के लिए भिगो दीजिए। जब ये सारे सामान पूरी तरह से फूल जाएं
तो इसको पीसकर गिला पेस्ट बना लीजिए। अब इस पेस्ट से 4 गुना अधिक मात्रा में तिल का तेल मिला लें ।
तिल के तेल से चार गुनी मात्रा में पानी को लेकर
सारे सामानों को एक साफ बर्तन में मिला लीजिए। उसके बाद मिश्रण को हलके आंच पर तब
तक गर्म करते रहें जब तक की सारा पानी भाप बनकर उड़ ना जाए। इस पेस्ट को
पूरे शरीर में जहाँ कही पे खुजली हो वहां पर या फिर पूरे शरीर में लगाइए। इसके
लगाते रहने से आपके त्वचा(Skin) की बीमारी ठीक हो जाएगा।
चर्म रोग जैसे एग्जिमा,
सोरियासिस,
मस्सा, ल्यूकोर्डमा, स्केबीज या खुजली त्वचा(Skin) रोग के प्रकार हैं। किसी भी तरह का त्वचा(Skin) रोग जब तक ठीक नही हो
जाता है, बहुत
तकलीफ होती है। जिसके कारण से आदमी मानसिक रूप से भी बीमार हो जाता है। त्वचा(Skin) रोग की समस्या होने पर आप स्किन के डॉक्टर से सलाह ले सकते
हैं।
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