04 नवंबर 2015

मधुमेह के आधुनिक औषधि (Ayurvedic Medicine for Diabetes)

Ayurvedic Medicine for Diabetes


Diabetes

सबसे पहले आइये जानते हैं मधुमेह के लक्षण :-

1. दिन में कई बार पेशाब का आना।
2. बहुत अधिक प्यास का लगना।
3. बहुत पानी पीने के बाद भी गला और होठ सूखना।
4. खाना खाने के बाद भी बहुत अधिक भूख का लगना।
5. मितली होना और कभी-कभी उल्टी का होना।
6. हाथ-पैर में अकड़न और शरीर में झंझनाहट का होना।
7. हर समय कमजोरी और थकान महसूस होना।
8. आंखों से कम दिखाई देना|
9. त्वचा या पेशाब के रास्ते में संक्रमण का होना  ।
10. त्वचा बहुत ज्यादा रुखी होना।
11. लोगो में चिड़चिड़ाहट का होना ।
12. बार-बार सिरदर्द का होना ।
13. शरीर का ताप बहुत कम होना।
14. मांसपेशियों में दुखन का होना।
15. वजन में अचानक कमी होना।


मधुमेह रोगियों के लिए नई हर्बल उपचार


हम आपको आज एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि हाल ही में के द्वारा दिनांक 26/10/2015 को प्रमाणित हुई हैं| BGR-34” यह औषधि गोली के रूप में पेश की गयी है। इस आयुर्वेदिक दवा का नाम 'बीजीआर-34' है और ये 100 गोलियों मात्र 500 रूपये की आती हैं तथा बाज़ार में आसानी से उपलब्ध हैं| इस दवा को दिन में दो बार ले सकते हैं| और इसके परिणाम मधुमेह के रोगियों में काफी अच्छे देखे गए हैं|

अन्य आयुर्वेदिक उपचार

सहजन के पत्ते एक चमत्कारी आयुर्वेदिक औषधी हैं| इसमें दूध की तुलना में तीन गुना कैलशियम और अधिक प्रोटीन पाया जाता है। मधुमेह रोग में इन पत्तों को खाने से भोजन के पाचन और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसके नियमित सेवन से ही लाभ प्राप्त होता है ।
एक टमाटर, एक खीरा और एक करेला को मिलाकर मिक्सी में डालकर एक गिलास जूस निकाल लीजिए। इस जूस को हर सुबह खाली पेट पीना चाहिए| इससे मधुमेह के रोग की रोकथाम में बहुत अधिक फायदा होता है।
गेहूं के पौधों में रोगनाशक गुण होते हैं। ये कई जटिल रोगों की एक दवा हैं| गेहूं के छोटे-छोटे पौधों से रस निकालकर प्रतिदिन सेवन करने से भी मुधमेह नियंत्रण में रहता है। और धीरे-धीरे पूर्णतया ठीक हो जाता हैं|
मधुमेह के मरीजों को भूख से थोड़ा कम तथा हल्का, सुपाच्य भोजन लेना चाहिए। ऐसे में खीरे पर   नींबू निचोड़कर खाना चाहिए और भूख को इस प्रकार मिटाना चाहिए।
मधुमेह उपचार मे शलजम नमक सब्जी का भी बहुत महत्व है । शलजम की सब्जी का अधिक प्रयोग करने से भी खून में स्थित शर्करा की मात्रा कम होने लगती है। इसके अतिरिक्त मधुमेह के रोगी को तरोई की सब्जी , लौकी की सब्जी , परवल की सब्जी , पालक की सब्जी , पपीता का फल आदि का प्रयोग करना चाहिए।
छ: बेल पत्र , छ: नीम के पत्ते, छ: तुलसी के पत्ते, छ:बैगनबेलिया के हरे पत्ते, तीन साबुत काली मिर्च ताज़ी पत्तियाँ पीसकर खाली पेट, पानी के साथ रोजाना सेवन करें और इस खुराक को लेने के बाद कम से कम आधा घंटा  कुछ भी न खाएं , इसके नियमित सेवन से भी मधुमेह सामान्य हो जाता है।

हम हर रोज जो भी भोजन खाते है, इससे मिलने वाला कार्बोहाइड्रेट्स पचने के बाद ग्लूकोज में बदल जाता है, और यह खून में मिल जाता है, और इसे इन्सुलिन नाम का हार्मोन्स नियंत्रित करता है. डायबिटीज इस इंस्युलिन हार्मोन्स की कमी या बिलकुल न होने के कारण ही अधिक होता है. इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है|

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