10 नवंबर 2015

आयुर्वेदिक खान-पान टिप्‍स से पाचन क्रिया (Digestive System) को करें दुरुस्‍त

आयुर्वेदिक खान-पान  टिप्‍स से पाचन क्रिया (Digestive System) को करें दुरुस्‍त 

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Digestive System
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आपके अच्छा स्वास्थ्य अच्छे पाचन तंत्र (Digestive System) की देन होता है। हम जो कुछ भी खाते हैं, उसे सही ठीक से जिश्म  में पहुंचाने का कार्य  हमारा पाचन तंत्र (Digestive System) ही करता है। पाचन तंत्र (Digestive System) खाने को एनर्जी के रूप में बदल कर जिश्म  को पोषण और ताकत प्रदान करता है और हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत बनाता है। पाचन तंत्र (Digestive System) में गड़बड़ी होने से हम जो कुछ भी खाते हैं, उसे सही से पचा नहीं पाते। इसके वजह से  जिश्म  को आवश्यक विटामिन और मिनरल नहीं मिल पाते और जिश्म में हानिकारक तत्व लगातार बढ़ने लगते हैं। और हमारा इम्यून सिस्टम भी धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है इसके वजह से कई बीमारी हमपे हमला कर देता है । कभी कभी  हम स्‍वाद-स्‍वाद में बहुत ज्‍यादा खा लेते हैं। उस समय तो हमें पता ही नहीं चलता, लेकिन बाद में पछताना पड़ता है। जब हमारा पेट इस खाने को सही हजम नहीं कर पाता तो हमें अपच, एसिडिटी, कब्ज जैसी पेट से जुड़ी हर समस्याओं से गुजरना पड़ता है।

पाचन तंत्र (Digestive System) को दुरुस्‍त रखें आयुर्वेंद

पाचन तंत्र (Digestive System) अपनी तय की गई समय सीमा के अनुसार चलती है और इस समय सीमा के वजह से  हमें दिन के अलग-अलग पहर में भूख लगती है। कुछ भी खाने के बाद हमारा पचान तंत्र अपना काम करना शुरू करता है तथा जैसे ही उनका काम खत्म होता है वह अगली क्रिया प्रारंभ करने के लिए मस्तिष्क को संकेत करता है। अगर इस प्रक्रिया में बाधा उत्‍पन्‍न हो जाये तो इससे पाचन क्रिया में बाधा उत्‍पन्‍न होने लगती हैं। लेकिन आप घबराइए नहीं क्‍योंकि आयुर्वेदिक चिकित्‍सा से आप अपनी पाचनक्रिया को तीन दिन में फिर असानी से दुरुस्‍त कर सकते हैं। आयुर्वेदिक खान-पान  टिप्‍स हमारे पाचन तंत्र (Digestive System) को सही करके उसे पहले की ही तरह कार्यशील बना देती है।

 पहला दिन

पाचन तंत्र (Digestive System) को बेहतर  करने के लिए आप पहले दिन अपने दिन की शुरुआत नाश्‍ते से करें, और सुबह उठने के थोड़ी देर बाद कम से कम दो गिलास पानी जरूर पिए । और उठने के 1 से 2 घंटे के बाद नाश्‍ता अवश्य कर लें। फिर दोपहर में खाना खायें। लेकिन एक बात का ध्‍यान रहें कि खाने में चटपटी चीजों को बिलकुल शामिल न करें। और रात का खाना सोने से 2 घंटे पहले खा लेना चाहिए। और रात के खाने के लगभग आधे घंटे के बाद 2 गिलास गुनगुना पानी का सेवन करें । पहले दिन आपका सुबह का नाश्‍ता और दोपहर का खाना सामान्‍य ज़रूर होना चाहिए और रात को जरूरत के हिसाब से खायें, यानी रात का खाना ज्यादा भरी नहीं होना चाहिए।

दूसरा दिन

दूसरे दिन पाचनक्रिया को फिर से उसी तरह  करने के लिए आपको इसकी गति को धीमा करना होगा। इसलिए दूसरे दिन आप खाना कम और लिक्विट चीजें ज्‍यादा लेने की कोशिस करें । इसके लिए आप पूरे दिन में 3 से 4 गिलास जूस लें और हल्‍का खाना जैसे दलिया  और खिचड़ी ही लें। पानी और नींबू पानी का जयादा परयोग  करें, क्‍योंकि यह पाचन क्रिया को दुरुस्‍त रखने में काफी मदद करती है। इस दौरान अपना मन शांत रखें और साथ ही हर रोज सुबह-शाम वॉकिंग भी करें।

 तीसरा दिन

आयुर्वेदिक खान-पान  टिप्‍स के आखिरी  दिन में आपको अपनी पाचनक्रिया को सामान्य कार्यशीलता पर वापस लाना  होता है। इसलिए उठने के 1-2 घंटे के बाद नाश्ता कर लें क्‍योंकि उठने के बाद ज्‍यादा देर खाली पेट रहने से भी पाचन क्रिया को नुकसान हो सकता है। और फिर दोपहर का खाना खाएं। दोपहर के खाना खाने के बाद सीधे रात का खाना खाएं। नाश्ते से लेकर दोपहर के खाने तक व दोपहर के खाने से लेकर रात के खाने  के बीच कुछ ना खाएं सिर्फ पानी पी सकते हैं । डिनर को सोने से 2 घंटे पहले खा लें। और ध्‍यान रहें डिनर की मात्रा दोपहर के खाने से थोड़ा कम ज़रूर होनी चाहिए।
इसी तरह  तीन दिन करने से आपकी पाचनक्रिया अपनी सामान्य गति पर पहुंच जाती है। यह क्रिया आपको अपनेआप  भूख का अहसास करायेगी। आयुर्वेद के नियम के अनुसार सुबह उठने के 1 या 2 घंटे के बाद नाश्ता करना, समय पर दोपहर का भोजन खाना व सोने से दो घंटे पहले रात का भोजन खाना। ये सारे आयुर्वेदिक खान-पान  टिप्‍स आपके पाचन को हमेशा दुरुस्‍त रखने में मदद करते हैं। इस खान-पान  टिप्‍स को पाचन क्रिया के खराब होने पर आप जरूर अपना सकते हैं।


मेरे इस पोस्ट को पढने के लिए शुक्रिया

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